न्यूयॉर्क जेट्स के मार्टी लिऑन्स का बेटा रॉकी पाँच साल का था, जब वह अपनी माँ केली के साथ अलाबामा की देहाती सड़कों पर पिकअप ट्रक में जा रहा था। वह सामने वाली सीट पर सोया हुआ था और उसके पैर माँ की गोद में थे, जो गाड़ी चला रही थीं।
जब उसकी माँ सावधानी से घुमावदार देहाती सड़क पर गाड़ी चला रही थीं, तो वे एक सँकरे पुल पर पहुँचीं। जैसे ही वे पुल पर पहुंचीं, ट्रक एक पत्थर से टकरा गया और सड़क से नीचे उतर गया। ट्रक का सामन वाला पहिया हवा में घूमने लगा। वे डर गईं कि ट्रक कहीं पलटकर खाई में न गिर जाए, इसलिए उन्होंने एक्सीलरेटर को जमकर दबाया स्टियरिंग को बाईं तरफ़ घुमाया। लेकिन रॉकी का पैर उसकी माँ के और स्टियरिंग के बीच में आ गया। नतीजा यह हुआ कि पिकअप बेक़ाबू हो गया।
ट्रक लुढ़ककर 20 फुट गहरी खाई में गिर गया। जैसे ही यह से ही यह ज़मीन टकराया, रॉकी की नींद खुल गई। उसने पूछा, “क्या हुआ,मम्मी ? हमारे ट्रक के पहिए तो आसमान की तरफ़ हैं।”
खून के कारण केली को कुछ दिखाई नहीं दे रहा था। गियर केली रे में घुस गया था, जिसकी वजह से होंठ से लेकर माथे तक एक घाव हो गया था। उनके मसूढ़े बाहर निकल आए, उनके गालों का न बन गया और उनके कंधे चकनाचूर हो गए। उनकी बाँह से एक टूटी हड्डी बाहर निकल रही थी और वे पिचके हुए दरवाज़े से चिपकी हुई फसी थीं।
“मैं आपको बाहर निकालता हूँ, मम्मी,” रॉकी ने कहा। इसे चमत्कार ही कहना होगा कि उसे ज़रा भी चोट नहीं लगी थी। वह केली के नीचे से रेंगकर निकला, फिसलकर खुली खिड़की से बाहर गया और अपनी माँ को बाहर निकालने की कोशिश करने लगा। लेकिन वे हिलीं तक नहीं। केली अब बेहोश होने की कगार पर थीं और वे बोलीं, “मुझे थोड़ी देर सो लेने दो।” रॉकी ने ज़ोर देकर कहा, “नहीं मम्मी, आप सो नहीं सकतीं।” |
रॉकी दोबारा रेंगकर ट्रक में घुसा और केली को बाहर निकालने में कामयाब हो गया। फिर उसने उन्हें बताया कि वह सड़क पर जाकर किसी कार को रोककर मदद माँगने जा रहा है। केली को डर था कि कोई भी ड्राइवर इतने छोटे लड़के को अँधेरे में देख नहीं पाएगा, इसलिए उन्होंने उसे अकेले भेजने से इंकार कर दिया। अब वे दोनों धीरे-धीरे ऊपर की तरफ़ रंगने लगे। रॉकी अपने 40 पौंड के शरीर से अपनी माँ के 104 पौंड के शरीर को धक्का दे रहा था। वे इंच-इंच करके रेंगे। दर्द इतना ज्यादा था क कली कोशिश नहीं करना चाहती थी, लेकिन रॉकी उनका हौसला बढ़ाता रहा।
अपनी माँ का उत्साह बढाने के लिए रॉकी ने उनसे कहा कि वे “उस अदा ट्रेन” के बारे में सोचें, जो बच्चों की मशहूर कहानी “छोटा इंजन यह था” (The Little Engine That Could) के बारे में सोचें, जिसमे छोटा इंजन ऊँचे पहाड़ पर चढ़ने में सफल हो जाता है। उन्हें याद दिलाने के लिए रॉकी बार-बार उस कहानी का प्रेरक वाक्य अपने शब्दों दोहराने लगा : “मैं जानता हूँ कि आप यह काम कर सकती हैं, मैं | कि आप यह काम कर सकती हैं।”
जब वे आखिरकार सड़क पर पहुँचे, तो रॉकी को पहली बार अपनी माँ का क्षत-विक्षत चेहरा दिखा। वह रोने लगा। उसने एक ट्रक को हाथ हिलाकर रोका और ड्राइवर से प्रार्थना की, “रुकिए! मेहरबानी करके रुकिए! मेरी मम्मी को अस्पताल ले चलिए!” |
केली के चेहरे की मरम्मत में 8 घंटे और 344 टाँके लगे। आज उनका हुलिया पहले से काफ़ी अलग है – “पहले मेरी नाक लंबी और सीधी थी, मेरे होंठ पतले थे और मेरे गाल की हड्डियाँ ऊपर थीं। अब मेरी नाक चपटी, गाल सपाट और होंठ मोटे हैं। लेकिन उनकी चोटें ठीक हो चुकी हैं और उनके चेहरे पर बहुत कम निशान नज़र आते हैं।
रॉकी की बहादुरी काफ़ी बड़ी खबर थी। लेकिन वह बहादुर बच्चा इस बात पर ज़ोर देता है कि उसने कोई असाधारण काम नहीं किया है। वह कहता है, “ऐसा नहीं है कि मैंने कोई असाधारण काम किया है। मैंने जो किया है, वह उन परिस्थितियों में कोई भी करता।” जबकि उसकी माँ कहती हैं, “अगर रॉकी नहीं होता, तो खून निकलने के कारण मेरी जान चली जाती।”
यह कहानी हमने मिशेल बोरबा से सुनी थी
हेनरी फ़ोर्ड