यह बताना अनिवार्य है कि जिनके पास पैसा नहीं सिर्फ अमीर बनने का सपना है, वह लोग भी अपनी मेहनत कि सहारे अपने सपने साकार कर सकते हैं| गोस्वामी ने १० रुपए उधार ले कर सलाद बेचने से कम शुरू करके करोड़ों रुपए की समाप्ति बनाई थी| सिर्फ अच्छी योजना-बंदी और मेहनत के कारण दुनिया के महान रिटेल व्यापारी फ्रेंक वुल्ब्र्थ की कहानी इस बात से प्रेरित है| वुल्ब्र्थ कि दिल में अमीर बनने का सपना था परन्तु जेब बिल्कुल खाली थी| नंगे पाव वाले वुल्ब्र्थ २१ वर्ष की उम्र में न्यूयॉर्क के एक स्टोर में बिना वेतन के काम करने लगा| कई साल मेहनत करने के बाद उसने ३०० डॉलर के साथ १८७९ में लेंकास्त्र में एक ऐसा स्टोर खोला, जिसमे हर वस्तु ५ तथा १० सेंट में बिकती थी| १९११ में उसके अमरीका और अन्य देशों में १०००० से भी अधिक स्टोर खुल चुके थे| १९१९ में जब वुल्ब्र्थ ने अपनी आखिरी साँस ली तो उस समय उसके बचत खाते में ६.५ करोड़ डॉलर था| १९१३ में उसने दुनिया की सबसे ऊँची इमारत वुल्ब्र्थ बिल्डिंग बनाई थी| तो यह स्पष्ट है कि अमीर बनने कि लिए अपने पास पैसा होना ज़रुरी नहीं बल्कि अमीर बनने का सपना होना जरूरी है|
डॉक्टर हरजिंदर वालिया