चेन्नई के एक बुक स्टोर में से मैंने कई बार पुस्तकें खरीदी थी जिसके कारण बुक स्टोर वाले अंकल के साथ अच्छी जान पहचान हो गई थी, मैं जब भी वहां जाता था तो काफी समय उनके साथ बातें करता रहता, हर बार वह कहते “बेटा देखना धीरे-धीरे लोग किताबें पढ़ना छोड़ रहे हैं मैं सोच रहा हूं इस दुकान की जगह कोई और काम कर लूं” मेरे पास कोई उत्तर नहीं होता था…
काम में व्यस्त होने के कारण तकरीबन छे-सात महीने मैं उस बुक स्टोर पर ना जा सका….. परंतु जब मैं कितने समय के बाद वहां गया…. अंकल ने पुस्तकों की जगह फास्ट फूड का काम शुरू कर लिया था| जब मैंने अंकल से इसका कारण पूछा तो उन्होंने बताया,”इस देश में लोग अपने खाली समय में पढ़ कर नॉलेज नहीं लेना चाहते, बस दूसरे देशों का खाना खा कर आनंद लेना चाहते हैं….
इंडियन लोग नॉलेज नहीं, न्यूडल चाहते हैं….
न्यूडल ना तो इंडिया को बनाने आते हैं और ना ही हमें यह खाने आते हैं…. मेरे पास हर वक्त की तरह इस बार भी कोई उत्तर नहीं था”….