अक्सर मजाक हम मज़ाक उसका उड़ाते हैं जिसके साथ हम ईर्ष्या करते हैं। जैसा कि आप पाएंगे, सरदार के मज़ाक को पूरे देश में उपहासित किया गया है। इसके पीछे एक गहराई है। हम शासकों से ईर्ष्या रखते हैं। ईर्ष्या के कारण भी साफ है। सरदार हमारे से मजबूत है,बहादुर है। हर क्षेत्र में भारतीयों के आगे है। पूरे भारत सिखों के खिलाफ गहरी ईर्ष्या से भरा है। अगर हम सरदार के साथ खड़े हैं, तो हम बदला लेने के लिए असहज हैं, हम उपहास ले कर बदला लेते हैं। यह मजाक सिखों के लिए गहरी ईर्ष्या के कारण झूठ है। जैसे यहूदियों का पश्चिम में मज़ाक उड़ाया जाता है , उसके उनके पीछे कारण है। यहूदियों की प्रतिभा से बहुत ईर्ष्या है । जहां यहूदियों ने अपना पैर रखा, वहां पीछे हटना पड़ता है। जितने भी नोबेल पुरस्कार यहूदियों को मिले हैं , वे दुनिया में किसी को भी नहीं मिले । इस शताब्दी को प्रभावित करने जो तीन आदमी हैं वह तीनों यहूदी हैं। मार्कस, फ्राइड, और अल्बर्ट आइंस्टीन। मार्क्स ने आधा दुनिया प्रभावित किया, फ्रिडे ने सारे मनोविज्ञान पर कब्ज़ा कर लिया और आइंस्टीन ने तो विज्ञान पर कब्जा कर लिया। यहूदी जहाँ पैर रख दे तो सब को पराजित कर देता है । यहूदी के पास प्रतिभा है । इस प्रतिभा से बेचैनी होती है है। ईर्ष्या होती है । और हम मज़ाक से बदला लेते हैं । पूरे भारत में सिखों से ईर्ष्या है क्योंकि सिख का साहस हम से आगे है। हम मज़ाक उड़ा के उसे अपने स्तर पर ले जाना चाहते हैं।
1.5K
previous post