मजबूरी

by Gurwinder

रमा की बारात आई तो,सज़ा हुआ घर संगीत की आवाजों से और भी रोशन उठा था| सभी के चेहरों पर खुशी झूम रही थी| लड़कियां रमा को जयमाला के लिए ले जाने के लिए उतावली हो रही थी| उसका सोने का सेट् मिल नहीं रहा था| रमा की मम्मी और मासी ढूंढ-ढूंढ कर थक गई थी| रमा की बुआ ने मशवरा दिया दूसरा सेट् पहना दो, बाद में ढूंढ लेना|
रामा की शादी खुशी-खुशी संपन्न हो गई| रमन शादी के बाद वापसी फेरे के लिए मायके आई| सभी रमा के विवाह की वीडियो कैसेट देख रहे थे| सभी को विवाह के सीन दोबारा से ताजा हो गए| एक सीन पर रमा की आँखें टिक गई थी| उसने मूवी को वहीं पर रोक दिया और मूवी को दोबारा चलाया| नौकरानी के हाथ में अपना हार देख कर वह हैरान थी| उसके बाद नौकरानी मूवी से गायब ही थी|
नौकरानी ने पहले तो साफ इनकार कर दिया| जब उसको डराया धमकाया गया तो उसने अपना मुंह खोला और बताया|” मेरी लड़की सीतो की मंगनी हुई| मेरे समधी ने पचास हज़ार की मांग की| उसने बोला अगर शादी के 1 दिन पहले यह पैसे उसे नहीं मिले तो बारात नहीं आएगी|
रमा की शादी में वह हाथ देखकर मुझे सीतो याद आने लगी| मैंने सोने का सेट् चोरी कर लिया| मैंने सोचा था के इसको बेच कर अपनी लड़की की शादी कर लूंगी| परंतु इस मूवी ने सारा भांडा फोड दिया| मेरी मजबूरी इस मूवी ने सरेआम आप सबको दिखा दी| वह रोने लग गई|

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