एक लड़की की माँ उसको आंखों के डॉक्टर के पास लेकर गई और बोला: यह मेरी बेटी है, यह ना तो कुछ देखती है और ना कुछ दिखता है| डॉक्टर ने पूरी तरह से जाँच करने के बाद बोला: आँखें पूर्ण रूप से ठीक हैं| माँ ने बोला: अगर इसकी आँखें पूर्ण रूप से ठीक हैं तो इसे कुछ दिखता क्यों नहीं? डॉक्टर ने बताया कि: वैज्ञानिक तौर पर तो इसकी आँखें बिलकुल ठीक हैं, परन्तु यह मानसिक रूप से अंधी है|
बताते हैं की इसे किसी के साथ प्यार हो गया था, वह प्यार जो ज़िन्दगी में एक ही बार होता है| जिसमें आपको अपने प्रिय के बिना और कुछ भी अच्छा नहीं लगता, कोई और नहीं दिखता परन्तु परिवार वलों ने इसका अपने प्रेमी की साथ मेल मिलाप बंद कर दिया था और इसे लम्बे समय तक एक कल कोठरी में बंद कर दिया था| यह बोलती थी कि इसने अपने प्रेमी को अपने मन में बिठा लिया है| उसके बिना किसी और को देखने की इच्छा नहीं रही| इन की आंखों ने आत्महत्या कर ली है|
यह खुद तो जीवित है परन्तु इसकी आँखें मर गई है|
खिड़कियाँ
नरिंदर सिंह कपूर