एक साधु बहुत दिनों से एक नदी के किनारे बैठा था| एक दिन एक व्यक्ति ने पूछा कि आप यहाँ क्या कर रहे हो| साधु ने उसे उतर दिया के मैं नदी का सारा पानी जाने का इंतजार कर रहा हूँ| यह सुनकर उस व्यक्ति ने बोला कि यह कैसे सम्भव है? यह पानी तो हमेशा चलता ही रहेगा| अगर सारा पानी चला जाए तो आप क्या करोगे| साधु बोले मुझे नदी के उस ओर जाना है, सारा पानी चला जाने के बाद मैं पैदल वहां चला जाऊंगा| यह सुनकर उस व्यक्ति ने बोला कि आप पागल हो क्योंकि ऐसा तो कभी नहीं होगा| यह सब सुनकर साधु जी मुसकुराते हुए बोले कि मैंने यह कार्य आप लोगों से ही सिखा है| आप लोग हर वक्त यह सोचते रहते हो कि जीवन में कुछ मुश्किलें कम हो जाए, बच्चों की शिक्षा खत्म हो जाए, घर बन जाए, उनकी सब की शादी हो जाए, कुछ रुपए जमा हो जाए फिर आराम से बैठकर परमात्मा का सिमरन करेंगे और शांति से जीवन व्यतीत करेंगे| जीवन भी एक नदी जैसा ही है, कार्य और मुसीबतें इसमें पानी जैसे हैं जो हर वक्त चलती ही रहेंगी| अगर आप कुछ करना चाहते हो तो अच्छे समय की प्रतीक्षा मति करो| जो भी करना है आज ही कर लो |
स्रोत: व्हत्सप्प