Stories by category: आध्यात्मिक
रास्ता दिखाने वाला
जन्माष्टमी का दिन था। हम सब परिवार वालों ने तिलोकपुर जाने का मन बनाया। सारे बहुत खुश थे। हम मंदिर में माथा टेक कर बाहर आ गए। बच्चे मनसा देवी मंदिर की तरफ जाने लगे। बच्चों के साथ बड़े भी जाने लगे। मुझे भी सब लोग बुला रहे थे के आ जाओ मनसा देवी के मंदिर माथा टेक कर आते…...
ਪੂਰੀ ਕਹਾਣੀ ਪੜ੍ਹੋवह बड़े नहीं हुए थे, हमने ही अपने आप को छोटा कर लिया था| वह बुद्धिमान नहीं थे, हम ही अंधविश्वासी थे| हमने ही यह फैसला कर लिया था चावल जैसा रंग, गेहूं के रंग से सुंदर होता है| हमने साबित करके दिखाया है के पतलून पहनना, पजामा पहनने से उच्च सभ्यता है| अपन देश में अपना घर साफ करना…...
ਪੂਰੀ ਕਹਾਣੀ ਪੜ੍ਹੋपर्दा
सरदार कपूर सिंह ने किसी से सवाल पूछ लिया- क्या तंबू में ले जाकर गुरु जी ने पांच प्यारों के सच में शीश काट दिए थे? तो उन्होंने कहा- गुरु कलगीधर पिता ने हमसे जीवन भर कुछ भी नहीं छपाया| इस मौके पर पर्दा लगाकर एक अग्म्म कार्य किया| जन्म देते हो वक्त उन्होंने आप से पर्दा किया था| आपको…...
ਪੂਰੀ ਕਹਾਣੀ ਪੜ੍ਹੋपराया हक
पराया हक अजी सुनते हो, यह बाबूजी की दवाई खत्म हो गई है, लेकर आना, पर्ची पकड़ाते सुखी ने अपने घरवाले जीते को कहा| सुखी कि आज कमाई कम हुई थी, सिर्फ आटा ही आया था, कल को ले आऊंगा, जीता निराश होकर बोला| चलो ठीक है, यह बोलकर सुखी अंदर चली गई और काफी देर सोचने के बाद मंजे…...
ਪੂਰੀ ਕਹਾਣੀ ਪੜ੍ਹੋराज्य का मूल्य
जब सिकंदर भारत आया तब उसकी मुलाकात एक फकीर के साथ हुई| सिकंदर को देखकर फकीर हंसने लगा| तो सिकंदर ने सोचा यह तो मेरा अपमान है और फकीर को बोला, या तो आप मुझे जानते नहीं हो या फिर आपकी मौत हाई है, आप जानते नहीं मैं सिकंदर महान हूं|" यह सुनने पर फकीर और भी जोर-जोर से हंसने…...
ਪੂਰੀ ਕਹਾਣੀ ਪੜ੍ਹੋप्रतीक्षा और श्रद्धा
एक बार एक गुफा में रहने वाले भिक्षु की अपने चेले के साथ नाराजगी हो गई और उस भिक्षु ने उसे वहां से चले जाने के लिए बोल दिया| चेला चुपचाप वहां से चला गया परंतु वह गुफा के बाहर जा कर बैठ गया| कुछ दिनों बाद जब वह भिक्षु गुफा से बाहर आया और उसने अपने चेले को गुफा…...
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