by Gurwinder

वह बड़े नहीं हुए थे, हमने ही अपने आप को छोटा कर लिया था| वह बुद्धिमान नहीं थे, हम ही अंधविश्वासी थे| हमने ही यह फैसला कर लिया था चावल जैसा रंग, गेहूं के रंग से सुंदर होता है|


हमने साबित करके दिखाया है के पतलून पहनना, पजामा पहनने से उच्च सभ्यता है| अपन देश में अपना घर साफ करना नीची जात का काम है परंतु दूसरे देश में सड़के साफ करते, हमारी जाति को कोई फर्क नहीं पड़ता|


पढ़ा-लिखा मनुष्य हम उसे समझते हैं, जो अपनी जबान में वार्तालाप ना करे|
हम समझते हैं अपनी कार में जाना, बस गाड़ी में जाने से उत्तम होता है|
बस हमारे निर्णय करने में देरी थी, अपने आप को छोटा मानने की देरी थी, फिर उनको हमसे बड़ा बनने में कोई देरी नहीं लगी| हमारे झुकने की देरी थी, वह छलांग लगा कर हम पर सवार हो गए थे|
हमें झुकाने के लिए यहां यूनानी आए, तुर्क आए, लोधी आए, मुगल आए, पुर्तगाली, फ्रांसीसी और अंग्रेज आए, जो नहीं आए, पता नहीं क्यों नहीं आए?? अगर वह आ जाते तो उन्होंने भी हमारे ऊपर रात ही करना था, क्योंकि हम गुलाम बनने में माहिर हैं|

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